Friday, November 18, 2011

आम आदमी की सरकार और बेचारा आम आदमी

भारत में रुपया-पैसा के मामलो तीन वर्गों की जनता निवास करती है | पहला उच्च वर्ग ........जिसमें काला धन-स्विस बैंक-उद्योग धंधे वाले लोग शामिल है | उसके बाद नंबर आता है मध्यम वर्ग ...........जिनके लिये टैक्स चुकाना जरुरी होता है | तीसरा और अंतिम वर्ग है ............निम्न वर्ग (नाम के अनुरूप .......बेचारा वर्ग ) मजेदार बात यह है बैंक/ सूक्ष्म वित्त इकाई से लिये लोन पर ब्याज चुकाने की बारी आती है तो भारत का यह बेचारा वर्ग सबसे ज्यादा दर पर ब्याज चुकता है | १ उच्च वर्ग (उद्योग धंधे वाले लोगों के लिये - जैसे कि मुकेश अम्बानी ) के लिये सिर्फ १-२% ब्याज दर निरधारित है | २. माध्यम वर्ग के लोग होम लोन, कार लोन... पर्सनल लोन पर ८-१५ फीसदी की दर से ब्याज चुकाते हैं | ३. निम्न वर्ग के लोगों से वित्तीय संस्थाएं माईक्रो क्रेडिट के नाम पर २४-४० ब्याज वसूलती है | दिमाग पर जोर लगाने की जरुरत है ..........भारत में में गरीब कौन?

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